क्या आप जानना चाहते हैं कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 2025 में दिल्ली में कब निकलेगी? जानिए इस शुभ यात्रा की तारीख, मार्ग और दर्शन से जुड़ी सभी अहम जानकारियाँ।
दिल्ली की जगन्नाथ रथ यात्रा भव्यता और श्रद्धा का संगम है। हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को खींचने के लिए एकत्र होते हैं। यह यात्रा सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक भक्ति का प्रतीक बन गई है।
भारत अपनी समृद्ध संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहां हर त्योहार लोगों के जीवन में नई उमंग और उत्साह लेकर आता है। इन्हीं पर्वों में से एक है – जगन्नाथ रथ यात्रा। यह यात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित होती है। हालांकि यह यात्रा सबसे प्रसिद्ध रूप से पुरी, ओडिशा में होती है, लेकिन देश के कई हिस्सों में भी इसे बड़े श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया जाता है। भगवान जगन्नाथ का रथ जब दिल्ली की सड़कों पर निकलता है, तो वातावरण में श्रद्धा और भक्ति की लहर दौड़ जाती है। यह रथ यात्रा धर्म से बढ़कर श्रद्धा, सांस्कृतिक सौहार्द और एकता की जीवंत मिसाल बन जाती है, जो पूरे वातावरण को भक्तिमय बना देती है।
इस वर्ष दिल्ली की जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून (शुक्रवार) 2025 को सुबह 4:15 बजे मंगल आरती के साथ आरंभ होगी, जिसके बाद यह यात्रा श्री जगन्नाथ मंदिर, थ्यागराज नगर से भव्य रूप में प्रस्थान करेगी।
पुरी की रथ यात्रा भारत के सबसे प्राचीन और भव्य धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसकी शुरुआत सदियों पहले हुई थी। पुरी की रथ यात्रा में हर साल नए लकड़ी के रथों पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की शोभायात्रा निकाली जाती है, जो श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाती है और लाखों लोग इसे देखने आते हैं।
वहीं, दिल्ली की रथ यात्रा पुरी की परंपरा से प्रेरित होकर शुरू की गई एक नई पहल है, जिसका उद्देश्य स्थानीय भक्तों को भगवान जगन्नाथ की भक्ति से जोड़ना है। इसका आयोजन श्री जगन्नाथ मंदिर (थ्यागराज नगर) या ISKCON मंदिर द्वारा किया जाता है, और रथ यात्रा शहर की सड़कों से होते हुए मंदिर तक पहुंचती है।
हालाँकि दिल्ली की यात्रा पुरी जितनी भव्य नहीं, फिर भी यहाँ श्रद्धा और भक्ति उतनी ही गहरी होती है। हर साल हजारों भक्त मंगल आरती, भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण जैसे कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
दिल्ली में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 1952 में उड़ीसा क्लब की स्थापना के साथ हुई थी। 1968 में थ्यागराज नगर में श्री जगन्नाथ मंदिर की स्थापना के बाद यह परंपरा और मजबूत हुई। पुरी की रथ यात्रा से प्रेरित यह आयोजन अब राजधानी का एक प्रमुख धार्मिक उत्सव बन चुका है। वर्ष 2025 में यह रथ यात्रा अपनी 58वीं वर्षगांठ मना रही है। इसका आयोजन मुख्य रूप से श्री जगन्नाथ मंदिर (थ्यागराज नगर) और ISKCON मंदिरों द्वारा किया जाता है। यह यात्रा न केवल धार्मिक श्रद्धा, बल्कि दिल्ली की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक बन चुकी है।
दिल्ली में होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक त्सव नहीं है, बल्कि यह भक्ति, एकता और आपसी मेलजोल का सच्चा उदाहरण है। यह आयोजन पूरे शहर को भक्ति, प्रेम और एकता के रंगों से भर देता है।
इस वर्ष दिल्ली में आयोजित जगन्नाथ रथ यात्रा निर्धारित व्यवस्था के अनुसार अरविंदो मार्ग की सर्विस लेन, जो INA मार्केट के सामने स्थित है, से प्रारंभ होकर आगे बढ़ेगी। इसके पश्चात रथ यात्रा बारापुला रोड की सर्विस लेन की ओर मुड़ेगी और अंत में त्यागराज इंडोर स्टेडियम के सामने स्थित श्री जगन्नाथ मार्ग पर लौटकर सम्पन्न होगी, जहाँ भगवान जगन्नाथ की प्रतिमाएं विराजमान की जाएंगी। यह रथ यात्रा राजधानी की प्रमुख सड़कों से गुजरते हुए भक्ति, व्यवस्था और श्रद्धा का अनुपम संगम प्रस्तुत करती है। यह अनुभव भक्तों के लिए बेहद भावनात्मक और विशेष होता है, जो उन्हें पुरी की रथ यात्रा की दिव्यता का आभास कराता है।
दिल्ली की जगन्नाथ रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था, एकता और सांस्कृतिक विविधता का जीवंत उत्सव है। यह यात्रा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के प्रति लोगों की गहरी भक्ति को दर्शाती है। यह रथ यात्रा एक ऐसा दिव्य अनुभव प्रदान करती है जो पुरी की भव्यता की झलक देता है। ऐसे आयोजनों से न केवल परंपरा सजीव रहती है, बल्कि भावी पीढ़ी को भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अवसर मिलता है।
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